Holika Dahan Muhurat Time 2025: होली सभी के जीवन मै प्रेम और खुशियों का त्यौहार है, ओर इसी बुरे पर अच्छाईकी जीत का प्रतिक माना जाता है इस बार होलिका दहन रात के समय ही किया जायेगा 13 मार्च 2025 गुरुवार को फाल्गुन मॉस के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सिर्फ 47 मिनट का ही है और अगर आप भी होलि क्या, कैसे, कब सेलिब्रेट करना चाहते है आप इस लेख के अंत तक जुड़े रहे।
NOTE: होलिका दहन से होलिका की पूजा की जाती है, इसके लिए महिलाए दोपहर मै होलिका माँ की पूजा और उसकी परिक्रमा करने जाती है, उस दौरान महिलाओ को राहुकाल से बचना चाहिए। आज राहुकाल दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2025)
हिन्दू पचांग और ज्योतिषियों के अनुसार इस बार Holika Dahan करने का सही समय या शुभ मुहूर्त देर रात 11:26 मिनट से लेकर रात 12:30 तक रहेगा। इसी समय के बिच होलिका दहन किया जा सकता है। इस समय से पहले भद्रा का समय रात 11:26 मिनट तक रहेगा, और भद्रा के बाद ही होलिका दहन करना शुभ मन जायेगा।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 28 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
चन्द्रास्त- 14 मार्च को 06 बजकर 30 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 56 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 50 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक
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भद्रा का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार भद्रा के समय कोई शुभ कार्य नही किया जा सकता है, क्योकि इसी समय नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा प्रभावित रहती है। इस बार भद्रा का सही समय सुबह 10:35 से लेकर रात 11:26 मिनट तक रहेगा। भद्रा के समय कोई शुभ कार्य नही करें। 13 मार्च को प्रदोषकाल में भद्रा होने से Holika Dahan नहीं होगा. होलाष्टक होलिका दहन के बाद खत्म माना जाता है।
होलिका दहन(Holika Dahan) की पूजन विधि
- गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की मूर्ति बनाकर थाली में रखें।
- रोली, फूल, मूंग, नारियल, अक्षत (चावल), साबुत हल्दी, बताशे, कच्चा सूत, फल, और एक जल से भरा कलश रखें।
- भगवान नरसिंह का ध्यान करके रोली, चंदन, पांच प्रकार के अनाज और फूल अर्पित करें।
- कच्चा सूत लेकर होलिका की सात बार परिक्रमा करें।
- गुलाल अर्पित करें और जल चढ़ाकर पूजा समाप्त करें।
त्योहार के समय और मुहूर्त
● पूर्णिमा गुरुवार की रात 8.29 से शुक्रवार को दिन 12.25 बजे तक
● भद्राकाल का साया गुरुवार की रात 10.29 बजे तक
● होलिका दहन का समय गुरुवार की रात 10.30 से आरंभ (रात भर)
● चैत्र माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा शुक्रवार 12.25 से लेकर शनिवार 2.34 बजे तक